डिजिटल डेस्क,मुंबई। 70 के दशक में महिलाओं का हिंदी सिनेमा तक पहुंच पाना आसान नहीं था। उस वक्त गुजरात के जूनागढ़ से एक लड़की बॉलीवुड में आई और अपनी एक्टिंग का सभी को दीवाना बना दिया। हम बात कर रहे हैं, परवीन बॉबी की। जो अपने समय की सबसे महंगी एक्ट्रेसेज में से एक थीं। सिनेमा की दुनिया में अभिनेत्री ने जितनी चमक हासिल की थी, उनकी मौत उतनी ही गुमनामी में हुई।
परवीन की मौत 20 जनवरी, 2005 को हो गई थी, लेकिन उनकी बॉडी को 22 जनवरी को उनके फ़्लैट से निकाला गया। परवीन बाबी ने आत्महत्या की थी या उनकी मौत हुई थी, ये आज तक कोई नहीं जान पाया। ये रहस्य अब तक उस फ्लैट में दफन हैं।
Time Magzine में मिली थी जगह
परवीन बॉबी टाइम मैगजीन के कवर पेज पर आने वाली पहली भारतीय महिला फिल्म स्टार थीं। परवीन को साल 1976 में महज 27 साल की उम्र में टाइम मैगजीन ने अपने कवर पर जगह दी। तब तक उनकी त्रिमूर्ति, मजबूर, धुएं की लकीर, 36 घंटे, दीवार, काला सोना, भंवर जैसी फिल्में आ चुकी थीं। परवीन कम समय में ही हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की टॉप एक्ट्रेसेस में शुमार हो गई थीं।
परवीन बॉबी का फिल्मी करियर 18 साल का रहा। मॉडलिंग से 1972 में अपने करियर की शुरुआत करने वाली परवीन बाबी ने 1973 में फिल्म 'चरित्र' से बॉलीवुड इंडस्ट्री में कदम रखा था। लेकिन एक्ट्रेस को सबसे बड़ा ब्रेक मिला फिल्म 'दीवार' से। साल 1975 में रिलीज हुई ये फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई और परबीन की किस्मत ही पलट दी।
अपना लिया था क्रिश्चियन धर्म
अभिनेत्री ने क्रिश्चियन धर्म को अपना लिया था और वो चाहती थीं कि उनका अंतिम संस्कार इसी धर्म के अनुसार किया जाए, लेकिन एक्ट्रेस की मौत के बाद उनके रिश्तेदारों ने उनका दाह संस्कार मुस्लिम धर्म के अनुसार ही किया।
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