डिजिटल डेस्क,मुंबई। डैनी डेन्जोंगपा का जन्म 25 फरवरी साल 1948 में सिक्किम में हुआ था। उनका परिवार हॉर्स राइडिंग से जुड़ा हुआ था। डैनी शुरु से इंडियन आर्मी ज्वाइन करना चाहते थे लेकिन उनकी मां ने साफ मना कर दिया और कहा कि तुम कुछ आर्टिस्टिक करो। जिसके बाद उन्होंने हिंदी सिनेमा का रुख किया। शानदार अभिनय की वजह से डैनी को पद्मश्री से सम्मानित किया गया लेकिन क्या आप जानते है, जब डैनी मुंबई आए तो इंडस्ट्री में लोग उनकी शक्ल देखकर कहते थे, इस फेस के साथ वॉचमैन और नौकर के ही रोल मिलेंगे। वही प्रोड्यूसर मोहन कुमार ने कहा था, तुम्हे इंडस्ट्री में कोई हीरो बना दे तो मैं अपना नाम बदल दूंगा।
लेकिन डैनी की किस्मत पलटी और उन्होंने अपनी दमदार एक्टिंग से ये साबित कर दिया कि, शक्ल आपकी मेहनत के आड़े नहीं आ सकती।डैनी डेंजोंगपा ने फिल्मों में न सिर्फ विलेन बल्कि कई डिफरेंट रोल भी प्ले किए है। वैसे आपको बता दें कि, डैनी का असली नाम शेरिंग फिंटसो डेंगजोंग्पा है लेकिन इस नाम के उच्चारण में दिक्कतें आती थी, जिसके बाद जया बच्चन ने उन्हें 'डैनी' नाम दिया। शुरुआती दिनों में डैनी काफी संघर्ष कर रहे थे। उस वक्त डैनी को बीआर इशारा ने अपनी फिल्म जरूरत में कास्ट किया। इसी दौरान जया बच्चन ने भी डैनी की मदद की। और गुलजार से कह कर फिल्म मेरे अपने में काम दिलवाया। लेकिन उन्हें सफलता मिली बी.आर. चोपड़ा की फिल्म धुँध (1973) से।
हिंदी सिनेमा की सबसे यादगार फिल्म 'शोले' में गब्बर सिंह का किरदार पहले डैनी को ऑफर किया गया था लेकिन उनके मना करने के बाद ये रोल अमजद खान को मिला गया। वैसे बॉलीवुड की फेमस लव स्टोरी में से एक परवीन बाबी और डैनी की लव स्टोरी भी है,जिसे आज भी याद किया जाता है। परवीन और डैनी एक दूसरे से काफी प्यार करते थे। दोनों लिव इन में भी रहते थे। डैनी ने फिल्मफेयर को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि परवीन बाबी और उनका साथ तीन-चार साल का था, हमने साथ में बहुत अच्छा समय बिताया। हम हमेशा दोस्त रहे। बाद में मैं 'किम' को डेट करने लगा और बाद में सिक्किम की राजकुमारी से साल 1990 में गवा से शादी कर ली।
अपने फिल्मी करियर में डैनी ने लगभग 190 फिल्मों में काम किया,जिनमें डैनी की मशहूर फिल्में रही 'अग्निपथ', 'हम', 'सनम बेवफा', 'खुदा गवाह', 'घातक' और 'बेबी'।
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