डिजिटल डेस्क,मुंबई। बालीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत और बहन रंगोली चंदेल ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसके अनुसार, उनके ऊपर दर्ज सभी आपराधिक मामलों को मुंबई से शिमला ट्रांसफर किया जाए। क्योंकि शिवसेना के नेताओं से दोनों को जान का खतरा है। एक्ट्रेस की इस याचिका पर जावेद अख्तर ने एक्शन लेते हुए सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की है,जिसके अनुसार कोई भी आदेश जारी करने से पहले जावेद का पक्ष भी जरूर सुना जाए।

You have asked the wrong person to apologize

क्या हैं पूरा मामला

  • गीतकार जावेद अख्तर ने एक टीवी इंटरव्यू के दौरान कंगना पर कथित तौर से अपमानजनक और निराधार टिप्पणी करने के लिये शिकायत दर्ज कराई थी। 
  • इतना ही नहीं जावेद ने आपराधिक शिकायत के दौरान कंगना के खिलाफ आईपीसी की प्रमुख धाराओं में कार्रवाई की मांग भी की थी।
  • जावेद अख्तर के वकील के अनुसार, कंगना ने जावेद के खिलाफ निराधार टिप्पणी की और इस वजह से उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है।

कंगना ने सुप्रीम कोर्ट से लगाई गुहार

  • हाल ही में हुए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कंगना और बहन रंगोली ने शिवसेना के नेताओं पर आरोप लगाया कि मुंबई में शिवसेना से उनकी जान को खतरा है।  
  • अभिनेत्री और उनकी बहन ने कहा था, 'उन्हें आशंका है कि अगर इन मामलों की सुनवाई मुंबई में हुई तो उनकी जान और संपत्ति दोनों पर ‘गंभीर खतरा’ होगा।
  • क्योंकि शिवसेना की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार उन्हें परेशान कर रही है'।
  • इसलिए उनके आपराधिक केस को मुंबई से शिमला ट्रांसफर किए जाए।

कैविएट का मतलब क्या होता है?

  • कैविएट किसी वादी द्वारा हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में लगाई जा सकती है।
  • कैविएट लगाने का मतलब होता है कि, वादी का पक्ष सुने बिना उसके खिलाफ कोई विपरीत आदेश पारित नहीं किया जाए।

Court summons Kangana in Javed Akhtar's criminal defamation complaint



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Javed akhtar files caveat against bollywood actress kangana ranaut transfer petition
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